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Our experienced Pandits perform each ceremony with care and devotion, ensuring a meaningful experience for you and your loved ones. With our dedication to Sanatan Dharma and authenticity, we believe that each ritual should be done with devotion and purpose, making every ceremony special and impactful.

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गण्डमूल नक्षत्र शान्ति विधि

गण्डमूल नक्षत्र शान्ति विधि

ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों तथा उनके भिन्न-भिन्न फलों का उल्लेख प्राप्त होता है।

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कुण्डली दोष निवारण पूजा

कुण्डली दोष निवारण पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली में विभिन्न प्रकार के योग एवं दोष दृष्टिगोचर होते हैं।

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कुम्भ विवाह

कुम्भ विवाह

विवाह गृहस्थाश्रम की आधारशिला है और उसी के माध्यम से व्यक्ति देव,ऋषि, पितृ इन तीनों ऋण से...

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pitradosh

पितृदोष निवारणार्थ तर्पण

जन्म-जन्मान्तर के उपार्जित प्रारब्ध के अनुसार मनुष्य जन्म लेता है ।

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vastu dosh

वास्तुदोष शान्ति

गृह, मन्दिर, कार्यालय, औषधालय नवीन या प्राचीन किसी भी संस्था में सम्पूर्ण निर्माण

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अखण्ड रामायण पाठ (रामचरितमानस)

अखण्ड रामायण पाठ (रामचरितमानस)

श्री रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास जी महराज द्वारा रचित प्रसिद्ध धर्मग्रन्थ है।

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पाशुपतास्त्र

पाशुपतास्त्र स्तोत्र पाठ

हमारे वेदों एवं पुराणों में अनेक  स्त्रोत,मन्त्र आदि प्राप्त होते हैं, 

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नारायण कवच

श्री नारायण कवच पाठ एवं हवन

 महर्षि वेदव्यास कृत यह कवच श्रीमद्भागवत् पुराणान्तर्गत् षष्ठ स्कन्ध के आठवें अध्याय में व...

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अमोघ शिवकवच

अमोघ शिवकवच

यह  कवच श्रीस्कन्द पुराण के ब्रह्मोत्तर खण्ड में वर्णित है।

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सुन्दरकाण्ड पाठ

सुन्दरकाण्ड पाठ

गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा विरचित श्रीरामचरितमानस सप्त काण्डों में विभक्त है,जिसका पञ्चम...

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नामकरण

नामकरण संस्कार

इस जगत् में समस्त व्यक्ति, वस्तु एवं स्थान की कुछ ना कुछ संज्ञा होती है ।

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सौभाग्य प्रदायक

सौभाग्य प्रदायक चतुर्थी कर्म

विवाह के पश्चात् तीन रात पर्यन्त वर वधू को विशेष नियमों का पालन करते हुए चौथी रात्रि में ह...

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सूर्याथर्वशीर्षम्

सूर्याथर्वशीर्षम्

भगवान् सूर्य को वेदों में चराचर जगत् का आत्मा कहा गया है।

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नारायणाथर्वशीर्षम्

नारायणाथर्वशीर्षम्

नर शब्द जीव का वाचक है, नार= जीवों के समूह और उन जीवों का अयन (आश्रय) परमेश्वर हैं,

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देव्यथर्वशीर्षम

देव्यथर्वशीर्षम्

जिस प्रकार भक्ति के बिना भक्तिमान् (भक्त)की कल्पना नहीं की जा सकती ,

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शिवाथर्वशीर्षम्

शिवाथर्वशीर्षम्

"वेद: शिव: शिवो वेद:" वेद शिव हैं और शिव वेद हैं,

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shri ganesh

गणपत्यथर्वशीर्षम्

 गणपति स्तवन प्राय: समस्त मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम करने का विधान है।

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तिलकोत्सव

तिलकोत्सव

षोडश संस्कारों में विवाह नामक प्रमुख संस्कार जब वर और वधू दोनों पक्षों में सर्वप्रकार से स...

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